इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) का परिचय
**इमाम हुसैन (अलैहिस्सलाम) का परिचय** इमाम हुसैन (अ.स) इस्लाम के पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (स.अ.व) के छोटे नवासे थे। उनका जन्म 3 शाबान 4 हिजरी (626 ईस्वी) को मदीना में हुआ। उनके पिता का नाम हज़रत अली (अ.स) और माता का नाम बीबी फातिमा ज़हरा (स.अ) था। इमाम हुसैन (अ.स) ने बचपन से ही अपने नाना, माता-पिता और इस्लामी समाज से उच्च नैतिकता, इंसाफ और इंसानियत का सबक सीखा। इमाम हुसैन (अ.स) का जीवन सत्य, न्याय और इंसानियत के लिए समर्पित था। जब यज़ीद ने ख़िलाफ़त पर कब्ज़ा किया और इस्लामी उसूलों को मिटाने की कोशिश की, तब इमाम हुसैन (अ.स) ने उसकी बैअत करने से इंकार कर दिया। वे जानते थे कि अगर अन्याय के आगे सिर झुका दिया जाए तो समाज में अत्याचार और ज़ुल्म हावी हो जाएगा। 61 हिजरी में करबला की ज़मीन पर इमाम हुसैन (अ.स) ने अपने 72 साथियों के साथ जुल्म के खिलाफ आवाज़ बुलंद की। यज़ीद की फ़ौज ने इमाम हुसैन (अ.स) और उनके साथियों को तीन दिन तक पानी से महरूम रखा। 10 मुहर्रम को इमाम हुसैन (अ.स) और उनके तमाम साथियों को शहीद कर दिया गया। इमाम हुसैन (अ.स) की शहादत ने पूरी मानवता को ये संदेश दिया कि सच्चाई और इंसाफ की राह में जान की कुर्बानी देना भी बड़ी बात नहीं है। उनकी ये कुर्बानी आज भी हर मज़लूम और हक़ के लिए लड़ने वाले इंसान के लिए हिम्मत और इंसाफ की मिसाल है। **"हुसैनियत" का मतलब ही है ज़ुल्म के खिलाफ खड़ा होना और हक़ की आवाज़ उठाना।**
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6/24/20251 min read


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